

गुरु से है ज्ञान मेरा
गुरु से ही मान
और सर्व ज्ञान
गुरु से है शान मेरी
गुरु से है मेरी पहचान
गुरु के इन चरणों को
मै करता हूँ सादर दंडवत प्रणाम
आप ने परम ज्ञान की
राह दिखाया
जीवन को जीना सिखाया
यु तो मैं अंधकार के गलियारो में सीमित रहता
अगर आपसे ये अंजान शहर में मिला ना होता
गुरुजी आप हो दीया
तो हम बाती
हमें तो आप ही पे हैं भरोसा
अब आप ही हैं हमें
गोलोक को ले जाने वाले राही
यू तो आपका वर्णन
कर सकूँ ये मेरी वाणी में
उतना दम नहीं
अगर कुछ गलती हो जाये
माफ करना अपना समझ कर मुझे ठुकराना नहीं
गुरूजी आप का ज्ञान है हमारे लिए
भगवान की मूरत
जिसे हम सब है पूजत ।
Whether you’re discovering the Bhagavad Gita for the first time or revisiting its profound teachings, this blog offers a concise yet meaningful overview. In today’s…
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Very nice composition!!
Ae Dil maange more
nice poem
very nice
Nice and very true
Nice poem